‘भगवान के वरदान, शिवराज सिंह चौहान’
- सत्येंद्र जैन की कलम से
अपने कृतित्व से यशस्वी मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान मप्र की जनता के लिए ‘भगवान
के वरदान शिवराज सिंह चौहान’ हैं।
वह मानव के रूप में महामानव हैं। आंग्ल भाषा में ‘सुपर हीरो’ की उपमा दी जाती है। भारतीय इतिहास में
भारतीय जनता पार्टी की ओर से सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का कीर्तिमान
शिवराज सिंह चौहान के नाम पर है। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान
"रामराज" के आधार हैं। मध्य प्रदेश की राजनीति के शिखर पुरुष के रूप में
स्थापित हो गए हैं । उनका यह कीर्तिमान इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
इस प्रकार का कीर्तिमान रचना तभी संभव होता है जब राजनेता अपने प्रदेश रूपी मंदिर
में जनता रूपी भगवान की पुजारी के रूप में सेवा करे, कल्याण करे। साढ़े पंद्रह वर्षों से पुजारी रूप में शिवराज सिंह, मंदिर रुपी मध्य प्रदेश में निवासरत आठ करोड़ से अधिक भगवान रूपी जनता की अविरल अनथक सेवा, आराधना करते आ रहे हैं। मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य से विकसित
राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा किया है। उन्होंने मध्यप्रदेश का सर्वांगीण, समावेशी विकास किया है ।
1. महान अर्थशास्त्री के रूप में शिवराज
अपने अनेक वित्तीय कदमों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महान अर्थशास्त्री के रूप में स्थापित हुए हैं। मप्र में रामराज के जनक हैं। रामराज का पहला सिद्धांत उन्नत अर्थव्यवस्था है। राज्य के विकास में वित्तीय प्रबंधन, योजनाओं एवं विकास कार्यों के लिए धन की उपलब्धता, समृद्ध अर्थव्यवस्था का होना परम आवश्यक है। अर्थतंत्र मजबूत होगा तभी जन कल्याण, अधो संरचना विकास तीव्र गति से होगा। त्रेता युग में भगवान राम ने वनवास के समय अपने अनुज एवं अयोध्या के राजा भरत को अर्थशास्त्र का मंत्र दिया था और कहा था -
“बरषत हरषत लोग सब, करषत लखै न कोइ।
तुलसी प्रजा-सुभाग तें, भूप भानु सो होइ।।”
सूर्य जिस प्रकार पृथ्वी से अनजाने में
ही जल खींच लेता है और किसी को पता नहीं चलता। किन्तु उसी जल को बादल के रूप में
इकट्ठा कर वर्षा में बरसते देखकर सभी लोग प्रसन्न होते हैं। इसी रीति से कर
संग्रह करके राजा द्वारा जनता के हित में कार्य करना चाहिए।
2003 में जब भाजपा को जनता ने प्रचंड बहुमत
रूपी आशीर्वाद देते हुए सत्ता सौंपी थी। उस समय मध्य प्रदेश की वित्तीय स्थिति
अत्यंत चिंताजनक थी । ओवरड्राफ्ट की स्थिति थी। प्रदेश की जीडीपी अथवा सकल घरेलू
उत्पाद लगभग एक लाख करोड़ रुपए था। भाजपा की शिवराज सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन
से बढ़कर के तेरह लाख करोड़ रुपए से अधिक हुआ है, तेरह गुना बढ़ी है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय भी लगभग बारह हजार रुपए
से बारह गुना से अधिक बढ़ी है। राज्य का बजट भी वर्ष 2003 के सापेक्ष लगभग 18 हजार करोड़ रुपए से वर्ष 2023-24 में अठारह गुना से अधिक बढ़कर तीन लाख
चौदह हजार करोड़ रुपए है। प्रदेश के सकल ऋण का ब्याज भुगतान भी कुल राजस्व का लगभग 23 प्रतिशत से आधा कम होकर 10 प्रतिशत हुआ है। वर्ष 2017 -18 में और भी कम होकर लगभग 7 प्रतिशत हो गया था। राज्य की जीडीपी
वृद्धि दर भी लगभग 20 प्रतिशत है। देश की जीडीपी में भी
योगदान 3.6 प्रतिशत से बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गया है। उन्नत
अर्थव्यवस्था शिवराज के कुशल वित्तीय
प्रबंधन का परिणाम है। वास्तव में शिवराज कुशल अर्थशास्त्री सिद्ध हुए हैं।
2. उन्नत कृषि एवं कृषक कल्याण के संवर्धक शिवराज
मप्र के अन्नदाता एवं कृषि को समुन्नत करने के लिए भाजपा की शिवराज सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। सात बार कृषि कर्मण सम्मान मिलना शिवराज सिंह की किसान हितैषी नीतियों का प्रमाण है। सिंचाई का रकबा भी वर्ष 2003 के सापेक्ष लगभग 8 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर से अधिक है। खाद्यान्न उत्पादन भी लगभग 220 लाख टन से तीन गुना बढ़कर 600 लाख टन से अधिक हो गया है। किसानों को अनेक लाभकारी योजनाओं द्वारा लाभ पँहुचाया जा रहा है। दो वर्षों में लगभग 16 हजार करोड़ रुपए की बिजली सब्सिडी का लाभ किसानों को मिला है। दो वर्षों में लगभग 29 हजार करोड़ रुपए का ब्याज रहित फसल ऋण किसानों को दिया गया है। फसल बीमा की हजारों करोड़ की राशि किसानों को दी गई है। दो वर्षों में लगभग सवा दो लाख करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया गया है। रबी की फसल में चना, मसूर, सरसों का उपार्जन भी गेहूँ से पहले करने का निर्णय भी शिवराज सरकार ने लिया है। अन्नदाता को उर्जादाता भी पीएमकुसुम योजना द्वारा बनाया जा रहा है। वर्षों पुरानी नदी जोड़ो योजना ‘केन-बेतवा लिंक’ को शिवराज सिंह के अथक प्रयासों से मोदी सरकार ने अनुमति दे दी है। लगभग 45 हजार करोड़ रुपए की इस योजना से 10 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित बनाया जाएगा और बुंदेलखंड की अपार जनसंख्या लाभान्वित होगी। कृषि क्षेत्र में शिवराज सरकार ने अनेक क्रांतिकारी बदलाव किये हैं। किसान आत्मनिर्भर बने इसके लिए उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन एवं डेयरी विकास और सहकारिता आदि क्षेत्रों को भी अत्यधिक प्रोत्साहन दिया जा रहा है । अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसके फलदायी परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। वर्तमान बजट में कृषि संबंधी कार्यों हेतु लगभग चौवन हजार करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान किया गया है।
3. अधोसंरचना के उन्नायक ‘शिवराज’
मध्यप्रदेश में अधोसंरचना विकास में
शिवराज सरकार ने तीव्र गति से कार्य किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार में
पूंजीगत व्यय (केपिटल एक्सपेंडिचर) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह ने पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि की है जो बढ़कर राज्य की जीडीपी
का 4 प्रतिशत से अधिक लगभग 56 हजार करोड़ रुपए हो गया है। लगभग दो लाख
किलोमीटर की सड़कों का निर्माण किया गया है। बिजली उत्पादन क्षमता भी लगभग 2 हजार मेगावाट से बढ़कर 18 हजार मेगावाट हो गई है। प्रत्येक जिले
में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का प्रयास शिवराज सरकार कर रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली पानी,
तकनीकी सुधार जैसे क्षेत्रों में
आश्चर्यजनक उन्नति हुई है।
4. महिला सशक्तिकरण के प्रतिमान ‘शिवराज सिंह चौहान’
हमारे पुराणों में कहा गया है कि
"यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता:" अर्थात जहां नारियों की पूजा होती है वहां
पर देवता निवास करते हैं ।
मध्य प्रदेश के यशस्वी, न भूतो न भविष्यति मुख्यमंत्री शिवराज
सिंह चौहान महिला सशक्तिकरण के लिए, नारी जाति के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध
हैं। उनकी
यह प्रतिबद्धता सरकार के निर्णयों में स्पष्ट रूप से प्रतिलक्षित होती है, झलकती है। अनेक योजनाओं के वह सूत्रधार हैं, प्रवर्तक हैं। अनेक योजनाओं को लागू कर महिला समाज का
सशक्तिकरण कर रहे हैं।
युगांतकारी लाडली बहना योजना गेम चेंजर, सुखद परिवर्तनकारी होगी।
एक अनुमान के अनुसार मध्य प्रदेश की
लगभग 65 प्रतिशत
महिलाओं को इस योजना का लाभ प्राप्त होगा, जो आयकर दाता नहीं है। इस योजना का वर्तमान
लक्ष्य 5
वर्षों तक संचालित करना है। प्रत्येक बहन को 5 वर्ष तक प्रतिमाह 1000 रुपए के मान से रुपए 60000 की राशि उनके बैंक खाते में डीबीटी के
माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी। सभी पंथ, जाति, वर्ग, संप्रदाय की बहनों को इस योजना का लाभ
प्राप्त होगा। यह योजना “सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय” के मंत्र को फलीभूत करेगी।
वर्ष 2007 में जब शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली
लक्ष्मी योजना का सूत्रपात किया था तो किसी ने कल्पना नहीं की थी कि यह योजना मानव
विकास में, समाज
कल्याण में भारत के सभी राज्यों में ही नहीं अपितु विश्व भर में प्रसिद्ध हो जाएगी।
आज 44
लाख से अधिक लाडली लक्ष्मी पंजीकृत हो चुकी हैं। इस योजना का सुखद परिणाम यह हुआ
है कि लिंगानुपात 927 से बढ़कर 970 हो गया है इस अभूतपूर्व वृद्धि का श्रेय लाडली लक्ष्मी योजना को
जाता है। बाल विवाह में भी उल्लेखनीय कमी आई है। समाज में समरसता का निर्माण हो
रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्जन करने के लिए बेटियों को स्कूल जाने के लिए विद्यालय जाने के लिए लगभग लाखों साइकिल प्रदान की गई हैं। यह योजना भी क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही है। जेंडर गेप को पाट रही है।
मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह एवं निकाह
योजना भी भारत में ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में विख्यात हुई है। योजनान्तर्गत वर्तमान
में 565000 से
ज्यादा बेटियों का विवाह या निकाह किया गया है। लगभग 11 लाख से अधिक नागरिक दांपत्य जीवन में
बंधे हैं । इस योजना के द्वारा शिवराज सिंह चौहान ने बहनों का कन्यादान किया और “जगत मामा” की उपाधि प्राप्त की है। इस योजना से
भी समाज में लिंगानुपात सुधर रहा है बहनों का सम्मान बढ़ रहा है। बाल विवाह प्रथा
को रोकने में भी यह योजना मील का पत्थर सिद्ध हुई है।
स्थानीय प्रशासन एवं सरकारी सेवाओं में
महिलाओं को आरक्षण
शिवराज सिंह चौहान ने देश में
सर्वप्रथम स्थानीय प्रशासन में 50 प्रतिशत का आरक्षण नारी समाज को दिया है। आज पचास प्रतिशत ग्राम
पंचायतों में बहनें सरपंच बन कर ग्राम स्वराज को उन्नत कर रहीं हैं। ग्राम उदय से
भारत उदय हो रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने में शिवराज
सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है। अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरण में भी विवाहित
महिलाओं को उनके माता-पिता के स्थान पर शासकीय सेवा में नियुक्त किया जाएगा। शिक्षा
विभाग में भी 50
प्रतिशत पद बहनों को आरक्षित हैं। पुलिस विभाग में भी बहनों के लिए 30 प्रतिशत पद आरक्षित किए गए एवं अन्य
शासकीय सेवाओं में भी 33 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान किया जा रहा है। वर्तमान वर्ष में एक लाख
से अधिक पदों पर शासकीय नौकरियों में भी लाभ मिलेगा। उज्जवला योजना में लगभग 80 लाख बहनों को निशुल्क गैस कनेक्शन
प्रदान करने में भी शिवराज सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है। पूरे देश में 9 करोड़ से अधिक उज्जवला कनेक्शन बहनों
को दिए गए हैं ।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में भी मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार देशभर में अग्रणी है। प्रदेश में 2 करोड़ 58 लाख से अधिक बहनों को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ प्रदान किया गया है।
शिवराज सिंह चौहान ने देश में
सर्वप्रथम सभी राज्यों में सर्वप्रथम 12 वर्ष से कम उम्र की बेटियों के साथ
दुराचारियों को मृत्युदंड का कानून पारित किया। उत्तरोत्तर में इसी कानून को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में लागू किया। अभी तक मध्यप्रदेश में लगभग 100 से अधिक दुराचारियों को फांसी की सजा
सुनाई गई है। अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया गया है। 23 हजार एकड़ से अधिक भूमि को अतिक्रमण
मुक्त कराया गया है। एक सशक्त दंडपाल के रूप में शिवराज सिंह चौहान अपनी भूमिका
निभा रहे हैं। अपराधियों पर उनका वज्रदंड सतत प्रहार कर रहा है।
5. सामाजिक समरसता के मूर्तिमान ‘शिवराज सिंह चौहान’
रामराज की संकल्पना के लिए सामाजिक
समरसता भी आवश्यक मंत्र है, जिसको शिवराज सिंह ने प्रदेश में मूर्त रूप दिया है। वास्तविकता के
धरातल पर अवतरित किया है। वह महान संत रविदास के दोहे को मंत्र मानते हैं और कहते
हैं कि -
"ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न। छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न।"
शिवराज के शासन का मूल मंत्र भी
सामाजिक समरसता है। जिसमें सब लोग प्रसन्न रहें, मिलजुल कर रहें। शिवराज सरकार, केंद्र एवं राज्य की 300 से अधिक जन हितैषी योजनाओं को धरातल
पर उतार कर सभी पात्र हितग्राहियों लाभ दे रही है। समावेशी समाज का निर्माण हो रहा
है। सभी वर्ग के पात्र लाभार्थियों को लगभग 43 लाख आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण
प्रधानमंत्री आवास दिए गए हैं। शिवराज सिंह चौहान सभी धर्मों के लाखों वरिष्ठ
नागरिकों को तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से तीर्थ यात्रा संपन्न करा श्रवण कुमार
बन गए हैं। आने वाले मई-जून के महीने से वायुमार्ग द्वारा हवाई जहाज़ से तीर्थ
यात्रा कराएँगे। लाखों छात्रों को मेधावी छात्रवृत्ति योजना के द्वारा एवं अन्य
योजनाओं से लाभान्वित किया है। पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति वर्ग एवं अनुसूचित
जनजाति वर्ग के लिए भी अनेक कल्याणकारी कार्य किए हैं जो सामाजिक समरसता का आधार
है। मध्य प्रदेश की 4 करोड़ से अधिक जनसंख्या को खाद्य सुरक्षा प्रदान की गई है।
6. विपुल औद्योगिक निवेश एवं अपार रोजगार
के जनक शिवराज
शिवराज सरकार में लगभग साढ़े तीन लाख
करोड़ रुपए से अधिक का निवेश मध्यप्रदेश में हुआ है । प्रदेश में उद्योग धंधों का
जाल स्थापित हुआ है । 6 लाख से अधिक व्यावसायिक इकाइयां प्रदेश में स्थापित हुई हैं। विगत
कुछ माह में ही 28 लाख से अधिक लाभार्थियों को 14 हजार करोड़ रुपए से अधिक की सहायता से
रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। उद्यमशीलता को द्रुत गति से बढ़ाया है। एक लाख
चौदह हजार से अधिक शासकीय पदों पर नौकरियां में भर्ती की जा रही है। यह सब शिवराज
के रामराज का द्योतक है। उनको जन्मदिन की आत्मीय बधाई।
“राम काज कीन्हें बिनु, मोहि कहां विश्राम"
आपकी यह भावना और प्रबल हो । - लेखक सत्येंद्र जैन
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनैतिक
विश्लेषक हैं)
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