सरकार की नाक के नीचे मिलावटखोरों के हौसले बुलंद

 बैरसिया में मिठाइयों में मिलावट कर लोगों को परोसा जा रहा मीठा ज़हर



एशियन रिपोर्टर के लिए बैरसिया से माधो सिंह दांगी की रिपोर्ट -

   मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से सटे हुए, भोपाल जिला अंतर्गत विकास खण्ड बैरसिया में फूड विभाग की अनदेखी के चलते खाद्य पदार्थो में मिलावट व एक्सपायरी डेट की मिठाई बेचने का  काला कारोबार जोरशोर से चल रहा है। इस मिलावट से लोगों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ से न तो स्थानीय प्रशासन को कोई मतलब है ना ही फ़ूड विभाग में इतनी ताकत है जो मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कदम उठा सके। लिहाजा मिलावटी मिठाइयों का धंधा जोरों से चल रहा है।

प्रशासन की अनदेखी से फलफूल रहे मिलावटखोर

दरअसल जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही रहवासियों के लिए भारी पड़ रही है। लम्बे समय से मिलावटी माफियाओं पर कोई सख्त कार्रवाई न होने के चलते मिठाइयों में खुले आम मिलावट का धंधा चल रहा है। अपनी कमाई के लालच में इन लोगों द्वारा भोले भाले ग्रामीणों को मीठा ज़हर परोसा जा रहा। एक तरफ तो मिलावटखोरों द्वारा जमकर चांदी कूटी जा रही है तो दूसरी ओर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है। वर्तमान में शादी व त्योहारों का सीजन होनें के चलते दूध,पनीर व मिठाइयों की मांग काफी बढ़ चुकी है, ऐसे में दुकानदारों द्वारा मिठाइयों में मिलावट एवं एक्सपायरी सामान बेचा जाना चिंताजनक है।


पहले एक्सपायरी माल दिया, फिर झाड़ा रौब

ऐसा ही एक मामला होली के दिन सामने आया जहां बैरसिया नगर के एक होटल संचालक द्वारा शिक्षित युवा ग्राहक को एक्सपायरी डेट की सोन पापड़ी मिठाई का डब्बा थमा दिया गया । जब युवक ने इसका विरोध किया तो होटल संचालक मिठाई का डिब्बा वापिस लेकर युवक पर ही रौब जमाने लगा । पीड़ित युवक ने घटना की शिकायत फूड इंस्पेक्टर के साथ ही सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराई है।



जांच के नाम पर जिम्मेदार कर रहे खानापूर्ति

बैरसिया में मिलावट की शिकायत पर आयुक्त खाद्य सुरक्षा प्रशासन डॉ. सुदाम खाड़े के निर्देश पर शुक्रवार को खाद्य विभाग की टीम द्वारा कार्रवाई की गई । विभागीय टीम द्वारा बैरसिया के शुभम रेस्टोरेंट से मावा बर्फी तथा गुप्ता एंड संस विदिशा रोड़ से घी के नमूने लिए गए। यह जानकारी खाद्य विभाग के एफएसओ जेपी विश्वकर्मा ने मोबाइल पर दी, जब उनसे इस संबंध में विस्तार से जानकारी देने का निवेदन किया तो उन्होंने हीला हवाला करते हुए बात टालने के अंदाज में बताया कि हमारे यहां तीन तरह के टारगेट होते हैं एक सिविलयंस, एक इंस्पेक्शन और लीगल सैंपल जो हमने तीनों किए हैं। उन्होंने आगे बताया कि हम कार्रवाई तो कर दिए हैं, बाकी जानकारी हमारे हेड क्वार्टर के अधिकारी डीके वर्मा और देवेंद्र दुबे देते हैं । जानकारी देने से बचने के लिए जेपी विश्वकर्मा ने बहाना करते हुए कहा कि हम लोग बाइट के लिए अधिकृत नहीं है।

कार्रवाई की निष्पक्षता पर लग रहे प्रश्नचिन्ह

नगर के प्रबुद्धजनों का कहना है कि कार्रवाई के समय शिकायतकर्ता तथा मीडिया से दूरी बनाकर रखी गई, वहीँ कार्रवाई के नाम पर खानापूरी करनें के बाद जानकारी के नाम पर मात्र औपचारिकता निभाई गई, जिसके चलते इस कार्रवाई की निष्पक्षता संदेह के घेरे में आ गई है तथा सिर्फ टारगेट पूरा करने की मंशा से की गई प्रतीत होती है।

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