12 साल बाद मिला पीड़ितों को न्याय
औबेदुल्लागंज से प्रीतम राजपूत की
रिपोर्ट
मध्यप्रदेश में रायसेन जिलान्तर्गत
औबेदुल्लागंज नगर के बहुचर्चित भयावह हत्याकांड में बारह साल पहले मारे गए रुपेश
राजपूत की हत्या के मामले में न्यायालय नें 14 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई |
यह निर्णय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश शरद भामकर की कोर्ट नें सुनाया | इस जघन्यतम वारदात के मामले में अदालत ने एक पक्ष के 17 में से 14 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई
है वहीं दो लोगों को बाल न्यायालय में पेश किया गया था, तथा एक आरोपी की पहले ही
मौत हो चुकी है। इसी केस में न्यायालय ने फैसला देते हुए दूसरे पक्ष के छह
आरोपियों को बरी कर दिया है। इस निर्णय
से अमन चैन पसंद लोगों के मन में कानून के प्रति विश्वास बढ़ा है |
ज्ञात हो कि सन 2010 मे ओबैदुल्लागज में दंगा हुआ था इस दंगे में रुपेश राजपूत की कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी अदालत ने गवाहों और सबूतों को सही मानते हुए सभी 14 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी 14 आरोपियों का जिला हास्पिटल रायसेन में मेडिकल करा कर जेल भेज दिया। वही एक आरोपी रईस हसन पिता अजीज की मौत हो चुकी है | इस मामले में मध्यप्रदेश राज्य की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा एवं अपर लोक अभियोजक लखन सिंह ठाकुर जिला रायसेन ने पैरवी की। वहीँ बरी हुये लोगों की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता विजय धाकड़ एवं सुनील धाकड़ ने की।
इन्हें मिली उम्रकैद की सजा -
अपर सत्र न्यायाधीश शरद भामरकर नें आरोपी नबाव हसन पिता अजीज हसन उम्र 64 वार्ड 5 लोधी मोहल्ला, सलमान हसन पिता मसूद हसन, फरहान हसन पिता अफजाल हसन, फैजल हसन पिता अफजाल हसन, नवेद हसन, दिलशाद हसन पिता इकबाल हसन, रेहान पिता अफजल हसन, गुफरान हसन पिता इसरार हसन, अफजाल हसन पिता अजीज हसन, फैजान हसन पिता अफजाल हसन, साजिल हसन पिता रईस हसन, नौशाद हसन पिता इकबाल हसन, शादाब हसन पिता इकबाल हसन एवं शाहबर हसन पिता मसूद हसन आदि एक ही परिवार के 14 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई एवं 1000-1000 रूपये अर्थदण्ड लगाया गया।
घटना का संक्षिप्त विवरण -
घटना दिनांक 06 जून 2010 को रात्रि
लगभग 10 बजे प्रकरण का प्रार्थी बहादुर सिंह अपने घर पर था उसके बड़े भाई
तूफानसिंह विवाह कार्यक्रम में कृषि फार्म गये थे, तभी बहादुरसिंह, के लड़के रूद्रपताप
ने बताया कि दादा तूफानसिंह के साथ कुछ मुसलमान लड़के मारपीट कर रहे हैं तो
प्रार्थी बहादुरसिंह एवं उसका भाई अमरसिंह कृषि फार्म पहुंचे तो उन्होंने देखा कि
रईस, शाहरूख, जुनैद, फैजल एवं रेहान
बेसवॉल के डण्डे एवं लात घूसों से तूफानसिंह को मार रहे थे और इन्हें देखकर भाग गये और कहने लगे कि बंदूकें लेकर आ
रहे हैं आज इसको जान से खत्म कर देंगे।
रईस, शाहरूख, जुनैद, फैजल, रेहान, अफजाल, नबाव, फरहान, नौशाद, दिलशाद, शादाब, गुफरान, नवेद, सलमान, शाहबर एवं अन्य, जीप मोटरसाइकिल से
कृषि फार्म आये अफजाल, रईस, नबाव एवं फरहान के पास बंदूकें, नौशाद और शाहरूख के पास बेसवॉल के
डण्डे दिलशाद,
शादाब, गुफरान, नवेद, सलमान, शाहबर, जुनैद, फैजल एवं रेहान के पास तलवारें एवं
धारदार हथियार थे तभी पुलिस वहां पहुंच गई तो ये लोग वहां से भाग गये। प्रार्थी
अपने भाई अमरसिंह, भतीजा हरपालसिंह घर
तरफ जाने लगे तब प्रार्थी बहादुरसिंह एवं अमरसिंह एवं हरपाल ने देखा कि उक्त् सभी
लोगों ने घर के पास गाड़ी रोककर गोली चलाई और गौहरगंज चौराहे तरफ भागे तो यह भी
पीछे पीछे वहां पहुंचे जहाँ इन लोगों ने देखा कि उक्त सभी लोग गौहरगंज चौराहे पर इनके
भांजे रमेशसिंह एवं भतीजे रूपेशसिंह एवं जैकी के साथ मारपीट कर रहे थे | तब इन
लोगों को देखकर अफजाल, नबाव, फरहान और रईस ने गोली चला दी जिससे
रूपेश के सीने एवं पेट पर गोली लगी, जयसिंह उर्फ जैकी
के पेट पर गोली लगी हरपाल को सिर एवं पसली में चोटें आईं सभी का खून निकलने लगा, रूपेश की वहीं पर मृत्यु हो गई तभी
घटनास्थल पर पुलिस पहुंच गई । और प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायलय भेजा गया |
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