राशन वितरण में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा

निकाय और पंचायतों के सत्यापन में हुआ खुलासा
, फर्जी गरीबों को राशन बांट रही थी सरकार

मंडीदीप से केशव सुनील की रिपोर्ट

गरीब और मजदूरी या अन्य काम कर  अपना व अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले  लोगों के लिए सरकार ने सस्ती दरों पर राशन उपलब्ध कराने के लिए योजना शुरू की थी। किंतु खाद्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ध्यान न दिए जाने से फर्जी गरीब हितग्राही न केवल हर महीने सस्ती दरों पर खाद्यान्न ले रहे थे बल्कि शासन की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का भरपूर लाभ भी उठा रहे थे। लेकिन बीते महीने खाद्य विभाग द्वारा नगरीय निकायों एवं पंचायतों के माध्यम से ऐसे फर्जी गरीबों के खिलाफ अभियान चलाया गया। जिसमें तहसील में राशन वितरण में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।  

अब 2700 पात्र हितग्राहियों के नाम भी जोड़ें

इस फर्जीवाड़े में दो नगरीय निकायों मंडीदीप और औबेदुल्लागंज के साथ 65 ग्राम पंचायतों में 1800 ऐसे लोगों के नामों का खुलासा हुआ है जिनके पास पक्का मकान, बाइक, टीवी, कार समेत अन्य सुविधाएं थी। बीपीएल कूपन बना होने और खाद्यान्न पोर्टल पर नाम दर्ज होने से वे हर माह एक रुपए प्रति किलोग्राम गेहूं और इतनी ही सस्ती दर पर चावल  कंट्रोल से  ले रहे थे। शासन भी हाथ पर हाथ धरे बैठा था। इस कारण अपात्र लोग शासन की योजना का जमकर लाभ ले रहे थे और एक रुपए किलो में सामान लेकर पात्र बीपीएल कार्डधारियों का हक मार रहे थे। हालांकि अब ऐसे फर्जी गरीबों के नाम बीपीएल सूची से काट दिए गए हैं। जबकि 2700 पात्र हितग्राहियों के नाम इस सूची में शामिल किए गए हैं इसके बाद तहसील में पात्र बीपीएल परिवारों की संख्या 43000 हो गई है।

1800 अपात्र मार रहे थे पात्र बीपीएल परिवारों का हक

निकाय और पंचायतों के सत्यापन में करीब 1800  नाम ऐसे मिले हैं, जिनका हकीकत में कोई अस्तित्व ही नहीं है। सरकार की ओर से इन 1800 लोगों के नाम पर हर महीने खाद्यान्न भेजा जाता था। सत्यापन में इस तरह की गड़बड़ियां पूरे जिले से सामने आई हैं । यह गड़बड़ी सामने आने के बाद खाद्य विभाग ने  इन फर्जी हितग्राहियों के नाम पात्रता सूची से हटा दिए हैं। जिला कलेक्टर की जांच में उनके नाम  काटे जाने के बाद अब फर्जीवाड़ा करने वाले इन लोगों पर  कार्रवाई करने की बात कही जा रही है ।

किसी की हो गई मौत तो कोई शहर छोड़ गया -

जो 1800 सदस्य जांच में सामने नहीं आए हैं, उनके बारे में कहा जा रहा है, कि कुछ की शादी हो गई तो कुछ ने शहर छोड़ दिया। वहीं कुछ इस दुनिया में ही नहीं है। यही नहीं एक हितग्राही का दो या दो से अधिक राशन की दुकानों में नाम होना भी शामिल है। इन सदस्यों का नाम हटने के बाद सूची में नए सदस्यों को जोड़ा गया।

राशन के इंतजार में पथराई आंखें, 94 साल में सिर्फ एक बार मिला राशन - 

शहर के वार्ड 15 सतलापुर निवासी 94 वर्षीय राव मित्रसेन यादव पहले राशन कार्ड बनवाने के लिए  लंबे समय तक  पंचायत और फिर  नगरपालिका के  चक्कर काटते रहे।  वे बताते हैं कि 2 साल पहले जैसे तैसे  राशन कार्ड बन गया तो अब राशन पात्रता पर्ची  पाने के लिए भटक रहा हूं। यह पर्ची न होने के कारण  पीडीएस संचालक  उन्हें राशन  नहीं दे रहा। इस तरह वे अब अनाज के लिए भटक रहे है। वे बताते हैं कि 94 साल की उम्र में उन्हें सिर्फ एक बार राशन मिल पाया है यहां के सुरेश विश्वकर्मा, जालमसिंह राय  और रमेश तारे  जैसे कई परिवारों की यही दुर्दशा है। अब कल बुधवार से विभाग द्वारा खाद्यान पात्रता पर्ची का वितरण किया जाने वाला है जिससे उन्हें भी उम्मीद बंध गई है कि अब उन्हें भी पात्रता पर्ची मिल जाएगी।

इनका कहना है - बीपीएल सूची से अपात्र लोगों के नाम काटकर पात्रों के नाम जोड़े जा रहे हैं, साथ ही कल बुधवार से पात्रता पर्ची का वितरण भी किया जाएगा। - बीपी शर्मा, खाद्य निरीक्षक औबेदुल्लागंज

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